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Telegram-канал be_khyali - बेख्याली...💝

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हम तो बस कलम से दिल का हाल लिखते है, और लोग कहते है कि आप कमाल लिखते है..!!❣💞 ටɾìցìղąӀ çօղէҽղէ ղօ çօքվ քąʂէҽ❣✍️ Any Contact 👉 @Raj_07bot

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बेख्याली...💝

मैं बहुत पहले ठोकर खाकर गिर चुका था...

जो बाद में उठकर भागा, वो मैं नहीं था ।

Ꭻᴏɪɴ 💫🔥➥ @Be_khyali

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बेख्याली...💝

खुद ही ख़ुदा होने की आजकल गलतफहमियां बहुत हैं,
यह मत भूल, जमीं है कम,
और यहां पर दरिया बहुत हैं..

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बेख्याली...💝

💥लड़को, तुम कमाल हो..

भाई हो, दोस्त हो,
प्रेमी हो, पिता हो,
गुरु हो, शिष्य हो,
मेरे दिल के अरमान हो।


टुटके भी रोते नहीं हो,
दिल की बाते बताते नहीं हो,
अपने-आपको संभाल लेते हो,
जिम्मेदारी का दूसरा नाम हो।

धैर्य की मिसाल हो,
त्याग का उदाहरण हो,
प्रेम का रूप हो,
सादगी की प्रतिक हो।

पापा का सम्मान हो,
माँ का अंतिम प्रेम हो,
प्रेमिकों के प्राण हो,
बहनों की जान हो।

सपनों के लिए कठोर हो,
खुले मन का सागर हो,
गगन छूने को तैयार हो,
दुनिया में आई हुई बहार हो।

बाहर से कठोर हो,
दिल से कोमल हो,
बाँसुरी और चक्र का
संतुलित संंयोग हो।

बिना मेकअप के बवाल हो,
दोस्ती के लिए मशहूर हो,
सिधेसच्चे सरल हो,
बजता हुआ सितार हो।

ओये लड़को, तुम कमाल हो,
मेरा पहला प्यार हो। 🌸

Ꭻᴏɪɴ 💫🔥 ⃝➥ @Be_khyali

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बेख्याली...💝

सुनो, ख़ुद को सलामत रखना,
तेरे दर्द की आहट भी आई — 
तो मेरे इंतकाल की खबर आएगी ।

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बेख्याली...💝

Philosophical poet ❣️🫀

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बेख्याली...💝

पत्तियाँ कभी फूल बनने की ज़िद नहीं करती,
वो अपने आकार, प्रकार और अपने हिस्से की ज़िम्मेदारी में ही ख़ुश रहती है!

इसलिये तो वो कभी फूल की तरह मुरझाती नहीं!😊
-vini

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दीवाली के बाद का खालीपन
जैसे कोई पसंदीदा किताब पढ़ के रख दी हो।
जैसे शोर के बाद का शून्य,
जैसे सपनों के बाद की हकीकत।
एक सवाल कि अब क्या?

दीये सूख गए,
घर बेजान लगने लगा
लड़ियों के बिना ,
वो कुर्ता भी रखना है,
फिर से सब कुछ समेटना है
तैयार करने और समेटने के
बीच रहती है दिवाली
त्योहार कितना कुछ बदल देता है।

खैर, एक उत्सुकता तो है,
फिर से नई किताब
और कुर्ता खरीदने की,
और यही उत्सुकता
हमें जीवित रखती है…

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बेख्याली...💝

मुसलसल दिल धड़कते जा रहे हैं
मगर एहसास मरते जा रहे हैं

जहालत छा रही है और इन पर
किताबें जितनी पढ़ते जा रहे है
🌻💌

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बेख्याली...💝

अगर फ़ुर्सत नहीं आने की,
तो हमें भी आदत नहीं है ज़बरदस्ती बुलाने की।
चले जाओ दूर हमसे, कोई गिला नहीं है,
कि तन्हाई को भी आदत है अब मुस्कुराने की।

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बेख्याली...💝

Behad khubsurat likha hai aapne 👌👏✨
घौंसले की हिफाज़त कर लेगा पेड़,
जहां बनाया है उस डाल पे छोड़ दो।

हसीन बनने के तो नुस्खे बहुत से है,
उम्र के साथ अपनी खाल पे छोड़ दो।

"राजन" हमारी कलम करें जो दर्द बयां,
किसके बहे अश्क वो रुमाल पे छोड़ दो।


Bhupen soni

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बेख्याली...💝

मुझे मेरे हाल पे छोड़ दो,
कहानी को सवाल पे छोड़ दो।

हर आँसू का हिसाब मत माँगो,
इसे दिल के ख़याल पे छोड़ दो।

जो टूटा है, जोड़ न पाओगे तुम,
उसे वक़्त के मलाल पे छोड़ दो।

ना हर राज़ खोलना आसान है,
कुछ रहस्यों को बवाल पे छोड़ दो।

मोहब्बत दलीलों से कमतर न होगी,
इसे रूह के कमाल पे छोड़ दो।

शिकायतें दिल को तोड़ देती हैं,
उन्हें ख़ामोश जंजाल पे छोड़ दो।


मक़्ता
‘राjan’ अब तर्क तलाश मत कर,
ये किस्से दिल-ओ-ख़याल पे छोड़ दो।

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बेख्याली...💝

बल से विशाल।
हृदय से दयावान।
ग़लत कार्यों के
कभी पक्षधर
नहीं रहे,
बुराई से
हर दम लड़े,
अच्छाई का
सदैव वरण किए।
किसी हालात में
दुश्मन के आगे
आत्मसमर्पण नहीं
किए।

सदा विश्वास
ख़ुद पर रखकर,

रावण का
किए संहार।

पूजे सदैव जग
बल को।
बल से रक्षा
निर्बल की करके,
लगें
सबसे महान।


~

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बेख्याली...💝

कुछ होते हैं जो दुनिया की परवा किए बिना गुल खिलाते हैं,
संग ग़ैरों के भी वो मुस्कुराते हैं।

आंधियों में भी जो चिराग़ जलाते हैं,
अंधेरों में रहकर भी रोशनी फैलाते हैं।

नफ़रतों के बीच मोहब्बत बोते हैं,
जिनके होने से दिल को सुकून मिलते हैं।

~

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बेख्याली...💝

वो मर्द कितने हसीन होते है
जो न सिर्फ़ समझते है
उम्र से पहले अपनी जिम्मेदारियों को
बल्कि समझते है हर एक को
अपने परिवार के हर सदस्य को
मां की मेहनत, बाप की हिम्मत
बहन का भरोसा, भाई का हौंसला
और दोस्तों के सुख दुख भी
मग़र उन्हें कब कौन समझता है ?
उनकी भावनाएं भी झलकती है पथराई हुई आंखों में
सुख दुख सभी लिखे होते है माथे की लकीरों पर
जब उनके मजबूत दिल और कंधे कमज़ोर होने लगते है
सिगरेट की कुछ फूंके मार उन पर फ़िर भार लाद लेते है
ज़रूरत है उन्हें भी कि कोई उनके तरह उन्हें समझे
कुछ कहे न बस उनके मौन में भी उनके साथ बैठे।


अतिया कय्यूम

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बेख्याली...💝

"अब कॉल रखते हैं।" उसने फोन रखने की जल्दबाजी में कहा।
मैं कहना चाहता था कि थोड़ा देर और बात करो।
" ठीक है, तुम्हे काम होगा रख दो" मैंने बिना मन से बोला।


"काम तो बाद में भी होता रहेगा, तुम बोलो" उसने मासूमियत से कहा।


'कुछ लोग हमारी मन की बातों को बिना कहे जान लेते है।'

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बेख्याली...💝

Sometimes Against
ALL ODDS,
We Hope

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बेख्याली...💝

ए जिंदगी.... 🫠

मुझे तुझको पूरा जीना है, तुझमें ही खोकर खुद को पाना है।

तेरे हर एक मोड़ से गुजरना है,
सुख और दुख दोनों को प्यार से गले लगाना है।

मुझे आसान से आसान और कठिन से कठिन परिस्थिति में ढलना है।

खुद के साथ दूसरों को भी समझना है,
किताबों को पढ़के ,आकाश में भी उड़ना है।

भीड़ में भी जाना है, अकेले भी सुकून पाना है,
बदमाशी भी करनी है, शांति में भी रमना है।

मुझे भावनाए भी पढ़नी हैं,
मुझे दर्शनशास्त्र भी समझना है।

तेरे साथ हर पल को बिताना है,
फूलों के साथ काँटो को भी अपनाना हैं।

तुझसे रूठना और मनाना है,
तुझसे ही बातें करना है।

मुझे तुमसे प्यार करना है,
मुझे तेरे हर रंग में रंगना है।

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बेख्याली...💝

जहाँ ख़ुशी ख़ुशी सब अलविदा कर रहे थे
वहाँ रोक कर वापस ले जाने वाला कोई था नहीं,
जिस रेलगाड़ी का में मुसाफ़िर था !!
उसका टिकट मेरे पास था नहीं ,
में उस राह पे आगे चल पड़ा था
वहाँ बक़ाया टिकट देने वाला कोई था नहीं ,
राह में सफेद लिबास पे कितने ही दाग़ लगे थे
चाहा उतार दे, मिला तो हरा-लाल चढ़ा रंग था,
जा के रुकी रेलगाड़ी जहाँ, वहाँ कोई पड़ाव था नहीं
फिर वहाँ आवाज़ सुनाई दी, जहाँ सुनसान स्थल था,
आ मेरे पास,,, राह में कहाँ कहाँ भटक रहा था !!!
में पहनाता हूँ,, बिना दाग़ का पोशाक तुझे ,,,,
वो सच में.. बेदाग़ वसन, सफेद कफ़न था ….
जहाँ रो रो के सब, अब मातम मना रहे थे,
जहाँ अब लौट के में, वापस आने वाला था नहीं…
~ j E d y

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बेख्याली...💝

सबसे महत्वपूर्ण होता है ‘वक़्त’, कल पंखे सगे थे

और आज कंबल अपना लगने लगा है!

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बेख्याली...💝

प्रेम के काँधे पर सर रखकर
आकाशगंगा नज़र नहीं आती
ना धरती के छोर नज़र आते
ना नज़र आता आने वाला कल
ना नज़र आती है अधूरी नींद
ना कुछ लुभावन ना लोक
प्रेम के कांधे पर सर रखकर
नज़र आता है एक विराम
मेरे विचारों के संघर्ष का….
नज़र आता है एक जवाब
जिसके बाद कोई शोर नहीं
नज़र आता है एक मंज़र
कि अब यही स्थिर है
नज़र आता है एक कोण
जहाँ एक जीवन टिका है

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बेख्याली...💝

Agli bar mile hum toh tum mujhe gale se laga lena,
Chod anban sari tum mujhe fir se aapna bana lena,
Hath tham mera tum mujhse kadam se kadam milana,
Karu jab mai baatein pyaar ki tum thoda sa muskurana,
U tujhe dekh mera nazrein churana,
Woh chup kar tere chehre ko niharna,
Uss pal ek tasveer kisi camera me nahi mere aakhon me ked hogi,
Woh teri baatein mere zehen se ek hogi,
Mai mil tujhe tere Lakshmi charno par payal pehenauga,
Woh dhool tere pairon ki mai mere mathe par sajauga tujhe mai kuch iss qadar chahuga,
Bas tum itna karna kabhi mile hum toh mujhe aapni baahon mein bhar lena.......


Uffff yeh mehege khwaab mereee 🫠

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बेख्याली...💝

प्रकाश का ये पर्व आपके जीवन में सुख, समृद्धि और आनंद की ज्योति जलाए।

🪔🪔🌸शुभा दीपावलिः।🌸🪔🪔

#Diwali2025

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बेख्याली...💝

ये अक्टूबर की ठंडी हवा और खुशगवार मौसम..

अगर हम दूर न होते तो मिलकर चाय पीते ...✍️☕💞

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बेख्याली...💝

एक घास का तिनका बस तिनका होता है
जब तक वह घोंसला न बन जाए
फ़िर उसकी पहचान बदल जाती है
ठीक वैसे जैसे बारिश का पानी
समुद्र से मिलकर खुद समुद्र बन जाता है
या मुट्ठी भर रेत सीमेंट के साथ मिलाओ
फ़िर उस रेत से घर बन जाता है
जैसे जमीन में गिरे छोटे छोटे बीज
घने पेड़ और जंगलों का हिस्सा बन जाते है
छोटे छोटे शब्द मिलकर पूरी किताब बन जाते है
थोड़ा थोड़ा ज्ञान अर्जित कर कोई ज्ञानी बन जाता है
और एक लम्हा किसी ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है।

अतिया कय्यूम

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बेख्याली...💝

चमक

उम्र गुजार दी खुदको मांजते मांजते,,,
चमक दूर की बात रह गई,
मैं साफ भी नही कर पाया खुदको।

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बेख्याली...💝

किस रावण की काटूं बाहें,

किस लंका को आग लगाऊँ,

घर-घर रावण, पग-पग लंका,

इतने राम कहाँ से लाऊँ।

- अज्ञात

#Vijayadashami2025
#Dasara2025

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बेख्याली...💝

खुद को अच्छा साबित करना जरूरी नहीं,

खुद को गलत बताकर लोगो से अलविदा लिया करो 🖤
©

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बेख्याली...💝

कभी आंखे बंद करके महसूस करना।

तेरी कमाई में, फ़क्त मैं हूँ।

~Abhiwrites🩷

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बेख्याली...💝

कभी टूटा, कभी झुका, मगर बिखरा नहीं,
इस शोर में भी खुद से किया किनारा नहीं।
हर साज़िश पे चुप रह जाना मजबूरी नहीं,
बस सब्र की तलवार है,उसका तेज़ ज़रा कम नहीं।

ख़ुदा से अक्सर ख्वाहिश नहीं, शिकवा किया,
कभी उसकी रहमत पे हँसा, कभी रो दिया।
जो दिल पे गुज़री, लफ्ज़ों से बयां न कर सका,
पर अपनी हर सिसकी मे दुआ साझा ल कीया।

जहाँ लोग साए बेचते हैं अपने मतलब से,
मैंने रिश्तों को सींचा अपने ही लहू से।
कभी रूह कांपी, कभी आंखें भीग गईं,
पर उम्मीद की लौ अंदर बुझने न दी ।

अब जो मांगता हूं, वो तेरी मेरी दुनिया नहीं है,
बस दिल की ठंडक और थोड़ी सी तसल्ली है।
ख़ुदा, अब मुझे वो सुकून की छांव,वो मेरा गाव दे
जहाँ ज़िंदगी कम और चैन ज़्यादा दे।


APURN

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बेख्याली...💝

सुबह जानकर ,झोले को टांगकर
वो निकल पड़ता है
झोले में बंद है बंद कितना कुछ ,
“क “ से कोशिश और ‘स ‘ से संभावनाएं
आदर्शों के पर्वत और ज्ञान की गंगा
माट साब के इंतज़ार में ढेरों चमकी आँखें ,
सूरज से शिक्षक को देखते नन्हे सूरजमुखी
उन्हें घेरे बैठी छत और चार दीवारें
जो जीवंत होकर पढ़ती पढ़ाती है ,
सभ्यता जानकर सभ्य होने का सफ़र
और निस्वार्थ भाव से जुटा एक मन
भविष्य की उड़ान के पंख फैलाकर
वो फिर अपनी जगह आता है ,
प्रकृति सा स्थिर और संयम
एक शिक्षक हर नए जीवन में
अपनी जगह बना जाता है

शिक्षक दिवस की हार्दिक
शुभकामनाएँ

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