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कहानी _ भविष्य दर्शन
भाग _ 7
लेखक_ श्याम कुंवर भारती
एक सप्ताह के बाद विधायक जी आनंद के घर पहुंचे अपने दल बल के साथ।उनको इस तरह अचानक आया हुआ देख कर आनंद को बड़ा आश्चर्य हुआ।
उसने उनको अपने घर में लकड़ी की कुर्सी पर बैठाया और चाय पानी के लिए पूछा।उसके माता पिता भी वही थे।विधायक जी ने उनका हाल चाल पूछा। फिर आनंद से कहा _ वो लड़की जो तुम्हारी दोस्त है जिसने मुझपर नक्सलियो द्वारा हमले की भविष्यवाणी की थी वो कौन है और कहा रहती है।उसकी भविष्यवाणी बिलकुल सत्य साबित हुई थी ।माफ करो मैंने उसे गंभीरता से नहीं लिया और देखो मुझ पर हमला भी हो गया।वो तो भगवान का लाख लाख शुक्र है की मैं बाल बाल बच गया।विधायक जी ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा।
आनंद ने कहा _ उसका नाम पदमिनी है आपको तो पता ही है वो मेरी दोस्त है और मेरे ही कॉलेज में मेरे साथ पढ़ती है।उस दिन आप संयोग से नही बचे ।जब आप ने हमारी बात नही मानी तो हम सबने एसपी साहब से मिलकर सारी बात बताया और आपकी सुरक्षा का अनुरोध किया था।उसने पदमिनी भी थी।क्योंकि आप काफी लोकप्रिय नेता हैं।आप लगातार अपने क्षेत्र में जरूरत मंदो की सेवा में लगे रहते हैं।आपने क्षेत्र का काफी विकाश किया है।अगर आपको कुछ हो जाता तो हमलोग एक ईमानदार और कर्मठ नेता को खो देते ।इसलिए हमलोगो ने यह सब किया।
आनंद की बात सुनकर विधायक जी बहुत खुश हुए।उसने कहा _ मुझे उस लड़की से मिलकर माफी मांगना है और उसके लिए कुछ करना है।
ठीक है चलिए चलते है।आपसे मिलाकर फिर हन दोनो कॉलेज चले जायेंगे।क्योंकि अभी कॉलेज में पढ़ाई लिखाई में कोई कोताही बरती नही जा रही है।फिर उसने उन्हें पदमिनी की कोलेज के बारे में की गई भविष्यवाणी के बारे में बताया।
सुनकर विधायक फिर बड़े खुश हुए और कहा _ तब तो मेरी और भी उत्सुकता बढ़ती जा रही है इस लड़की से मिलने की जल्दी चलो।
इसके बाद विधायक जी को लेकर आनंद पदमिनी के गांव उसके घर पर पहुंचा।
इस तरह विधायक जी के अचानक गांव में आने से गांव में काफी कौतूहल होने लगा ।सवलोग पदमिनी के घर पर जमा होने लगे।
पदमिनी के माता पिता और पदमिनी को भी विधायक जी के आने से बड़ा आश्चर्य हुआ और खुशी भी ।
उसके पिता ने एक चारपाई लाकर उसपर एक चादर बिछाकर विधायक जी को बैठाया।उसकी मां ने कहा _ आप सब बैठिए मैं लकड़ी लेकर आती हूं और चाय बनाती हूं।फिर वो चली गई ।
आनंद ने पदमिनी के पिता से पदमिनी की भविष्यवाणी जो विधायक के बारे में की गई थी उसके बारे में बताकर कहा _ काका इसलिए विधायक जी आपकी बेटी से मिलने आए है।
आनंद की बात सुनकर पदमिनी के पिता को बड़ा आश्चर्य हुआ ।उनके मुंह से निकला क्या मेरी बेटी इतनी बड़ी बड़ी भविष्यवाणी करने लगी है।लेकिन ये तो पढ़ाई लिखाई में बहुत कमजोर है।फिर ये सब कैसे करने लगी ।मेरे घर के बारे में भी उसने भविष्यवाणी किया था ।इसलिए किसी तरह कर्जा आदि लेकर घर की मरम्मत करवाया।
जो भी है आप भाग्यशाली हैं अक्षय लाल जी जो आपको इतनी प्रतिभावान बेटी मिली है ।आप अपनी बेटी को बुलाइए मैं उससे मिलना चाहता हूं
उसके पिता ने पदमिनी को आवाज देकर बुलाया ।वो कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रही थी ।
पास आकर उसने विधायक जी को हाथ जोड़कर प्रणाम किया।विधायक जी ने उसे आशीर्वाद दिया।मुझे माफ करना बेटी मैने तुनहारी भविष्यवाणी पर विश्वास नहीं किया और देखो मुझपर हमला हो गया ।फिर भी तुम सबने मेरी सुरक्षा हेतु एसपी साहब से मिलकर अनुरोध किया और मुझे बचाया। मै तुम सबका आभारी हूं।
आप क्षमा मांगकर हम सबको शर्मिंदा न करे अंकल मुझे जो दिखा वो बता दिया और जो अच्छा लगा वो किया।आप हमारे नेता है ।आप सबके लिए क्या कुछ नही करते रहते है। हमारा भी तो कोई फर्ज बनता है।
उसकी बात सुनकर विधायक जी भाव विभोर हो गए तभी उसकी मां नैना देवी सबके लिए चाय लेकर आई ।उसकी आंखे धुएं से लाल हो गई थी ।
चाय पीते हुए विधायक जी ने नैना देवी से पूछा _ आपकी आंखे लाल क्यों हो गई हैं।मां लकड़ी के के चूल्हे पर चाय बना रही थी इसलिए ।पदमिनी ने कहा ।
उसकी बात सुनकर विधायक को बड़ा आश्चर्य हुआ क्या अब आपके यहां लकड़ी से खाना बनता है।और आपका मकान अभी कच्चा है।फिर उन्होंने पूछा क्या आपके घर में नल का पानी और बिजली का कनेक्शन लगा है। राशन आदि मिलता है।
उसके पिता ने हाथ जोड़कर कहा _ ये सब कुछ नही है नेता जी ।में ठहरा मजदूर आदमी रोजी रोटी से फुरसत नहीं मिलती है। कहा _ कहा किसके पास दौड़ता ।इसलिए ये सब कुछ नही है।
उनकी बात सुनकर विधायक जी ने तुंरत प्रखंड विकास पदाधिकारी को फोन कर जल्दी आने को कहा।
घर में कुत्ता रखा था ताकि घर में चोरी ना हो लेकिन कुत्ता ही चोरी हो गया 🥲
Читать полностью…शादी से पहले बच्चा और शादी के बाद तलाक की नौबत क्यू आई
सब कुछ तो है पैसा लग्जरी लाइफ
ऐशो आराम
जहां तक देखा गया प्यार भी था एक दूसरे में
अब सवाल ये है कि एक रिश्ते को निभाने के लिए क्या चाहिए?
कहानी _ *"भविष्य दर्शन"**
भाग _ 3
लेखक_ श्याम कुंवर भारती
पदमिनी अपने घर में सोई हुई थी ।उसके सिर में थोड़ा दर्द हो रहा था।उसकी मां उसके सिर पर तेल की मालिश कर रही थी।उसे बहुत आराम महसूस हो रहा था।
उसे नींद आने लगी थी तभी वो एक झटके से उठ गई और भयभीत नजर आने लगी ।उसकी ऐसी हालत देख कर उसकी मां नैना देवी ने पूछा _ क्या हो बेटी तुम इस तरह चौंक कर क्यों उठ बैठी ।क्या तुमने कोई डरवाना सपना तो नहीं देख लिया।
नही मां सपना नही देखा लेकिन मैंने एक घटना देखा कि हमारे घर का आगे वाला मिट्टी का घर गिर गया है और तुम्हारे ऊपर खपरैल की छत गिर गई हैं।तुम्हारे सिर पर चोट लग गई है और तुम्हारा पैर टूट गया है।पदमिनी ने भयभीत होकर कहा।
उसकी बात सुनकर उसकी मां हंसने लगी और बोली तुम तो ज्योतिष की तरह बात करने लगी है बेटी ।हमारे घर की दीवाल और छत कैसे टूटेगी ।अभी पिछले साल ही तो तुम्हारे पिता ने बनवाया था।
तुमने कोई सपना देखा होगा।दिन के सपने सही नही होते ।तुम चुपचाप सो जाओ मैं तुम्हारा सिर दबा दे रही हूं।
उसकी मां ने कहा।
नही मां मैने सपना नही देखा है बल्कि पता नही क्यों जबसे योग साधना करना शुरू किया है तबसे मुझे भविष्य की घटना दिखने लगी है।फिर उसने आनंद के बारे में बताया।यह भी की एक आदमी को सांप ने काट लिया था ।उसे अस्पताल लाया गया था।वो लगभग मरने की हालत में था।लेकिन मुझे दिखा की वो जिंदा बच गया है।अब देखना है बेचारा बचता है या नही पदमिनी ने अपने भविष्य दर्शन की शक्ति प्राप्त करने के बारे में बताते हुए कहा।
उसकी बात सुनकर उसकी मां आश्चर्य से उसका मुंह देखती रह गई ।ये तुम क्या कह रही हो बेटी।
इसलिए कह रही हूं मां तुम पापा से बात कर कितनी जल्दी घर के आगे वाले हिस्से की मरम्मत करवा दो।अगर मेरी भविष्य वाणी सत्य हो गई तो घर तो गिरेगा ही तुम्हारा सिर पर चोट तो लगेगी ही तुम्हारा पैर भी टूट जायेगा।जिससे तुम्हे काफी तकलीफ होगी ।तुम्हारे इलाज में काफी खर्चा होगा ।पता नही कब तक तुम ठीक हो पाओगी।
पदमिनी ने चिंतित होकर कहा।
ठीक है बेटी शाम को जब तुम्हारे पापा आयेंगे उनसे घर की मरमत करवाने के लिये बोलती हूं।
अस्पताल में लोगो की भीड़ बढ़ती जा रही थी।आनंद भी बड़े कौतूहल से उस मरीज के इलाज की विधि को देख रहा था।
अस्पताल प्रबंधन को लोगो की भीड़ को संभालना मुश्किल हो रहा था।बड़े डॉक्टर ने अपने सुरक्षा कर्मियों से अस्पताल के मुख्य द्वार को बंद करने को कहा लेकिन संपेरे ने ऐसा करने से मना कर दिया।
तभी एक नर्स ने उस मरीज संपेरे से कहा आपको इंजेक्शन लगाने का समय हो गया है।थोड़ी देर के लिए आप अपने बेड पर आकर लेटे आपकी बांह और कमर में इंजेक्शन लगा देती हूं।
वो संपेरा अभी भी काफी कमजोरी महसूस कर रहा था ।को चुपचाप आकर अपने बेड पर लेट गया। नर्स ने उसे दो इंजेक्शन लगा दिए।
थोड़ी देर बाद संपेरा अपने बेड से उतरा और उस मरीज के पास आकर बैठ गया।उसने उसके पैर की तरफ देखा जहा सांप ने काटा था।वहा सांप के दांत के दो निसान थे।।उसने सारे लोगो को मरीज से दूर रहने को कहा ।
तब तक उस बेहोश मरीज के परिवार वाले तीन बड़े बर्तन और साठ किलो दूध लेकर आ गए।
उसने तीनो बर्तन में दूध डलवा दिया।एक गमला उसने अस्पताल से और मांग लिया।तीसरे बर्तन से उसने लगभग एक किलो दूध निकालकर उस गमले में रख दिया।
अब उसने अपनी आंखे बंद कर मंत्र पढ़ना शुरू किया ।एक हाथ उसने अपने कुर्ते की जेब में डाला और उसमे से दो सफेद कौडिया निकाला और मंत्र समाप्त होते ही उसने उन दोनो कौडियो को हवा में फेंक दिया।वे दोनो कौड़िया आश्चर्य तरीके से हवा में गायब हो गई ।वो जोर जोर से कोई मंत्र पढ़ता जा रहा था।सब लोग अपनी सांसे बंद किए उसकी हरकत को बड़े आश्चर्य से देख रहे थे।
थोड़ी ही देर बाद सबके रोंगटे खड़े हो गए।सबके लोग डर से इधर उधर खिसकने लगे ।सबने देखा एक बहुत ही बड़ा काला नाग फूंफ कारता हुआ बड़ी तेजी से उसे बेहोश पड़े मरीज की तरफ बढ़ने लगा था।
वो काफी गुस्से में मालूम पड़ रहा था ।वो बार बार बहुत ही तेज आवाज में फुंफ कार रहा था।उसके मुंह से जीभ बार बार अंदर बाहर निकल रही थी।वो देखने में बड़ा ही भयानक और डरवाना लग रहा था।
तभी सबको देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ ।उस संपेरे की दोनो कौड़ियां उस काले नाग के दोनो कनपटियो से चिपकी हुई थी।
काला नाग फूंफ कारते हुए उस मरीज के पैरो के पास आकर फैन फैलाकर रुक गया।उसकी लंबाई लगभग बारह फिट की रही होगी ।
इतना बड़ा सांप अस्पताल के अंदर कैसे और किधर से आया किसी को समझ में नही आया।
तभी उस नाग ने अपना फन समेट लिया और जहा सांप के काटने का निसान था वहा अपना मुंह लगा दिया।
चूंकि यह मरीज मरने की कगार पर है।इसके परिवार वाले इसे कही और ले जाने को तैयार नहीं है।शायद तुम्हारे प्रयास से इसकी जान बच जाए।
मैं बड़े डॉक्टर से पूछकर आता हूं।
इतना कहकर वो डॉक्टर चला गया।
जैसे ही उस मरीज की पत्नी को पता चला की वो मलेरिया पीड़ित मरीज उसके पति का जहर उतार सकता है ।वो भारती हुई उस मरीज के पास गई और उसके सामने रोते हुए हाथ जोडकर बोली _ किसी तरह मेरे पति की जान बचा लीजिए बाबा आप मेरे लिए भगवान होंगे।
उस मरीज ने कहा _ तुम रोना बंद करो अगर अस्पताल ने इजाजत दे दिया तो मैं पूरी कोशिश करूंगा की तुम्हारे पति की जान बच जाए।
आनंद पूरी घटना को बड़े ध्यान से देख रहा था।अब उसे उम्मीद की किरण नजर आने लगी थी ।लेकिन वो पदमिनी की भविष्यवाणी को अपनी आंखों से सच होता हुआ देखना चाहता था।
तभी वो डॉक्टर जल्दी जल्दी आता हुआ नज़र आया उसके साथ बड़ा डॉक्टर भी था साथ में अस्पताल के और भी कई बड़े पदाधिकारी थे।
उस डॉक्टर ने कहा _ आप जितनी जल्दी इस मरीज का इलाज कर सकते हैं शुरू करे।बड़े डॉक्टर साहब ने अपनी सहमति दे दिया है।झाड़ फूंक ही सही लेकिन इस मरीज की जान बचाई जा सके ।
क्योंकि इसके अलावा कोई उपाय भी नही है।इसकी पत्नी अपने पति को लेकर किसी दूसरे अस्पताल जाना नही चाहती है और हमारे पास सर्प दंश का कोई इलाज नहीं है।
उस मलेरिया पीड़ित संपेरे मरीज ने कहा _ तब ठीक है। सबसे पहले मरीज को जमीन पर बेड लगाकर सुला दे।तीन बड़े और चौड़े मुंह वाले बर्तन मंगवाए जिसमे कमसे कम बीस बीस किलो दूध भरा जा सके।
मरीज के बगल में तीनो बर्तन रख दिए जाएं ।उसके पास मेरे अलावा कोई और नही रहे ।सभी दूर खड़े रहे ।
डॉक्टर ने उस मरीज की पत्नी से कहा _ तुम टेंट वाले से जैसा बर्तन ये कह रहे है वैसा भाड़े पर मंगा लो और साथ में साठ किलो दूध भी मंगा लो।
उसकी पत्नी ने तुरंत अपने परिवार वालो से सारा सामान लाने के लिए भेज दिया।
मरीज को जमीन पर बेड लगाकर सुला दिया गया। संपेरा को सबने उसके बेड से उतार कर उस मरीज के पास बैठा दिया।
लेकिन यह खबर सनसनी की तरह अस्पताल से होते हुए आसपास में फेल गई लोग इस अजूबे इलाज को देखने के लिए अस्पताल की तरफ उमड़ पड़े । यहां तक कि मीडिया वाले भी भागे भागे आ गए।
शेष अगले भाग _3 में
लेखक_ श्याम कुंवर भारती
बोकारो ,झारखंड
मॉब.9955509286
एक राजा था,,😘😂😁😉,
उसने एक सर्वे करने का सोचा
कि
मेरे राज्य के लोगों की
घर गृहस्थी
पति से चलती है
या
पत्नी से...?
उसने एक ईनाम रखा कि " जिसके घर में पति का हुक्म चलता हो,
उसे मनपसंद घोडा़ ईनाम में मिलेगा
और
जिसके घर में पत्नी की चलती है
वह एक सेब ले जाए..
🐴🍎
एक के बाद एक सभी नगरवासी
🍎🍎🍎🍎🍎🍎🍎🍎🍎🍎🍎🍎
सेब उठाकर जाने लगे ।
राजा को चिंता होने लगी..
क्या मेरे राज्य में सभी घरों में
पत्नी का हुक्म चलता है,,🤔🤔
इतने में एक लम्बी लम्बी मुछों वाला,
मोटा तगडा़ और लाल लाल आखोंवाला जवान आया और बोला.....
" राजा जी मेरे घर में मेरा ही हुक्म चलता है .. घोडा़ मुझे दीजिए .."🐴
राजा खुश हो गए और कहा जा अपना मनपसंद घोडा़ ले जाओ..
चलो कोई एक घर तो मिला
जहाँ पर आदमी की चलती है 😀😀
जवान काला घोडा़ 🐴लेकर रवाना हो गया ।
घर गया और फिर थोडी़ देर में घोडा 🐴लेकर दरबार में वापिस लौट आया।
राजा: "क्या हुआ...? वापिस क्यों आ गये..??"
जवान : " महाराज,मेरी घरवाली कह रही है काला रंग अशुभ होता है, सफेद रंग शांति का प्रतिक होता है आप सफेद रंग वाला 🦄घोडा लेकर आओ...
इसलिए आप मुझे सफेद रंग का घोडा़ 🦄दीजिए।
राजा: अच्छा... "घोडा़ रख🐴.....और सेब 🍎लेकर चलता बन,,,
इसी तरह रात हो गई ...दरबार खाली हो गया,, लोग सेब 🍎🍎🍎🍎🍎लेकर चले गए।
आधी रात को महामंत्री ने दरवाजा खटखटाया,,,
राजा : "बोलो महामंत्री कैसे आना हुआ...???"
महामंत्री : " महाराज आपने सेब 🍎और घोडा़ 🐴ईनाम में रखा है,
इसकी जगह
अगर एक मण अनाज या सोना वगेरह रखा होता तो लोग कुछ दिन खा सकते या जेवर बना सकते थे,,,
राजा : "मैं भी ईनाम में यही रखना चाह रहा था लेकिन महारानी 👸🏻ने कहा कि सेब 🍎और घोडा़🐴 ही ठीक है इसलिए वही रखा,,,,
महामंत्री : " महाराज आपके लिए सेब 🍎काट दूँ..!!!😊
राजा को हँसी आ गई और पूछा यह सवाल तुम दरबार में या कल सुबह भी पूछ सकते थे आप आधी रात को ही क्यों आये.. ???
महामंत्री: "महाराज,मेरी धर्मपत्नी ने कहा अभी जाओ और अभी पूछ के आओ,,,सच्ची घटना का पता तो चले।
राजा ( बात काटकर ): "महामंत्री जी, सेब 🍎आप खुद ले लोगे या घर भेज दिया जाए ।"
समाज चाहे जितना भी पुरुष प्रधान हो लेकिन
संसार स्त्री प्रधान ही है..!!
मुझे पत्नी ने कहा अभी ये कहानी इस ग्रुप में भेजो। मैं सेब खाते हुए आप सब को भेज रहा हूँ। ....
दोस्तो आप सेब यहीं खाओगे या घर ले जाओगे
😊😊😁
कहानी _ *भविष्य दर्शन
लेखक _ श्याम कुंवर भारती
अक्षय लाल दास की बेटी पदमिनी बड़ी पढ़ने लिखने में काफी कमजोर थी।मगर उसकी आवाज और रंग रूप बहुत सुन्दर था।किसी तरह उसने मैट्रिक परीक्षा पास कर लिया।आगे की पढ़ाई के लिए उसने एक सरकारी कॉलेज में एडमिशन ले लिया। जहा उसकी दोस्ती उसके ही क्लास के एक लड़के आनंद से हुई ।वो बहुत ही तेज तर्रार लड़का था।वो हमेशा अपने क्लास में सबसे प्रथम आता था।इसलिए उसके दोस्तो की संख्या भी ज्यादा थी।
उसी तरह पदमिनी की भी दोस्ती हो गई थी ।उसे आनंद से उसकी पढ़ाई लिखाई में काफी मदद मिलती रहती थी।एक दिन उनके कॉलेज में योगाभ्यास के क्लास चला।जिसमे बाहर से कोई योग गुरु आए थे जिन्होंने स्वस्थ रहने और मन को शांत और स्थिर करने का योगाभ्यास करवाया।पदमिनी ने भी योगाभ्यास किया।जिसमे ध्यानयोग,प्राणायाम, कपाल भाती के अलावा और भी कई योग करने की क्रिया बताई गई।
पदमिनी ने बड़े उत्साह से सभी योग क्रियाओं का अभ्यास सिखा।
कुछ दिन बाद आनंद अपनी मोटरसाइकिल से कॉलेज पहुंचा उसे देखते ही पदमिनी को नजर आया उसकी बाइक के साथ उसकी बड़ी गंभीर दुर्घटना घटी है और आनंद अस्पताल में पड़ा हुआ है।उसे ऐसा देखकर खुद पर बड़ा आश्चर्य हुआ ।उसने आनंद से कहा तुम कुछ दिनों तक अपनी बाइक चलाना छोड़ दो।तुम्हारा तुम्हारी बाइक के साथ बहुत बड़ी दुर्घटना होने वाली है।उसकी बात सुनकर आनंद हसने लगा।यह तुम क्या कह रही भला मेरा मेरी बाइक के साथ कैसे एक्सीडेंट हो सकता है ।मैं बाईक चलाने में एक्सपर्ट हूं।पता नही मुझे तुम्हे देखकर ऐसा दिखा इसलिए तुम्हे बाइक चलाने से मना किया।पदमिनी ने कहा।कही तुम ज्योतिष तो नही हो गाई गई हो।आनंद ने कहा और फिर हसने लगा।उसे हंसता देख उसके दोस्त भी हंसने लगे।
पदमिनी ने कुछ नही कहा।थोड़ी देर के लिए उसे लगा शायद यह इसका भ्रम भी हो सकता है।
लेकिन तीन दिन ही बीते थे कि आनंद का कॉलेज आते समय एक ट्रक के साथ एक्सीडेंट हो गया और वो बुरी तरह घायल होकर अस्पताल पहुंच गया।
जब पदमिनी को पता चला तो उसे बहुत आश्चर्य हुआ और दुख भी ।वो अपनी सहेलियों और उसके दोस्तो के साथ भागी भागी अस्पताल पहुंची।
वहा पहुंचकर उसने देखा आनंद बेहोसी की हालात में पट्टियों में लिपटा पड़ा है।थोड़ी देर बाद आनंद को होश आया।उसे ऐसी हालत में देखकर पदमिनी को बहुत दुख हो रहा था।उसने उसका हाल चाल पूछा।
उसने धीरे धीरे से कहा मैं ठीक हूं लेकिन तुम्हारी की गई भविष्यवाणी तो बिल्कुल सही साबित हो गई।काश मैंने तुम्हारी बात मान ली होती तो आज मेरी ऐसी हालत नही होती।आनंद ने धीरे से दर्द से कराहते हुए कहा।
ऐसा मत कहो जो होना होता है वही होता है।मुझे तो घटना से पूर्व उसकी एक झलक दिखी थी जो तुम्हे बताया था। पदमिनी ने कहा।
लेकिन तुम्हारे साथ ऐसा चमत्कार कबसे और कैसे हो गया यार।आनंद ने आश्चर्य से पूछा।
पता नही लेकिन मुझे लगता है जबसे योग क्रिया करना शुरू की हूं तभी से ऐसा हो रहा है ।पदमिनी ने कहा।
तभी अस्पताल में एक मरीज लाया गया जिसे एक जहरीले है सांप ने काट लिया था।वो बेहोशी की हालत में था।उसका रंग नीला पड़ गया था।उसके परिवार वाले काफी रो रहे थे।
डॉक्टरों ने उसकी जांच कर कहा _ आप लोग माफ करे अब इसका बचना मुश्किल है।अस्पताल स्नेक एंटी डोज भी नही है।आप लोग इसे कही और ले जाए।
तभी पदमिनी को उसकी आंखो के सामने उस आदमी का दृश्य नजर आया जो अस्पताल में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ हंस हंस कर बाते करते दिखा।
उसने आनंद से कहा _ तुम इस आदमी को देख रहे हो जिसे सांप ने काटा है वो जिंदा हो जायेगा।वो मरेगा नहीं।
ये तुम कैसे कह सकती हो ।देख रही हो डॉक्टर उसका इलाज करने से मना कर रहे हैं।आनंद ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा।
वो मुझे नही पता लेकिन वो मरीज जिंदा हो जायेगा।
शेष अगले भाग _2 में।
लेखक _श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड
मॉब.9955509286
व्यंग
साइकिल की सवारी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था (GDP) के लिए बेहद हानिकारक है....!
सुनने में ये हास्यास्पद लग सकता है , परन्तु सत्य है....
एक साइकिल चलाने वाला देश के लिए बहुत बड़ी आपदा है, क्योंकि.......
वो गाड़ी नहीं खरीदता,
वो लोन नहीं लेता,
वो गाड़ी का बीमा नहीं करवाता,
वो तेल नहीं खरीदता,
वो गाड़ी की सर्विसिंग नहीं करवाता,
वो पैसे देकर गाड़ी पार्किंग नहीं करता,
वो ट्रैफ़िक फाइन नहीं देता ,
और तो और
वो मोटा (मोटापा) नहीं होता।
जी हां .....यह सत्य है कि एक स्वस्थ व्यक्ति
अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है, क्योंकि...
वो दवाईयां नहीं खरीदता,
वो अस्पताल व चिकित्सक के पास नहीं जाता
वो राष्ट्र की GDP में कोई योगदान नहीं देता।
ठीक इसके विपरित एक फ़ास्ट फूड की दुकान 30 नौकरी पैदा करती है........
10 हृदय चिकित्सक,
10 दंत चिकित्सक,
10 वजन घटाने वाले...!
नोट :-पैदल चलना इससे भी अधिक ख़तरनाक होता है, क्योंकि पैदल चलने वाला व्यक्ति तो साइकिल भी नहीं खरीदता...................!!
💞🙏🏻💞
*गुरुजी ने कहा कि मां के पल्लू पर निबन्ध लिखो..*
*तो लिखने वाले छात्र ने क्या खूब लिखा.....*
*"पूरा पढ़ियेगा आपके दिल को छू जाएगा"* 🥰
आदरणीय गुरुजी जी...
माँ के पल्लू का सिद्धाँत माँ को गरिमामयी
छवि प्रदान करने के लिए था.
इसके साथ ही ... यह गरम बर्तन को
चूल्हा से हटाते समय गरम बर्तन को
पकड़ने के काम भी आता था.
पल्लू की बात ही निराली थी.
पल्लू पर तो बहुत कुछ
लिखा जा सकता है.
पल्लू ... बच्चों का पसीना, आँसू पोंछने,
गंदे कान, मुँह की सफाई के लिए भी
इस्तेमाल किया जाता था.
माँ इसको अपना हाथ पोंछने के लिए
तौलिया के रूप में भी
इस्तेमाल कर लेती थी.
खाना खाने के बाद
पल्लू से मुँह साफ करने का
अपना ही आनंद होता था.
कभी आँख में दर्द होने पर ...
माँ अपने पल्लू को गोल बनाकर,
फूँक मारकर, गरम करके
आँख में लगा देतीं थी,
दर्द उसी समय गायब हो जाता था.
माँ की गोद में सोने वाले बच्चों के लिए
उसकी गोद गद्दा और उसका पल्लू
चादर का काम करता था.
जब भी कोई अंजान घर पर आता,
तो बच्चा उसको
माँ के पल्लू की ओट ले कर देखता था.
जब भी बच्चे को किसी बात पर
शर्म आती, वो पल्लू से अपना
मुँह ढक कर छुप जाता था.
जब बच्चों को बाहर जाना होता,
तब 'माँ का पल्लू'
एक मार्गदर्शक का काम करता था.
जब तक बच्चे ने हाथ में पल्लू
थाम रखा होता, तो सारी कायनात
उसकी मुट्ठी में होती थी.
जब मौसम ठंडा होता था ...
माँ उसको अपने चारों ओर लपेट कर
ठंड से बचाने की कोशिश करती.
और, जब बारिश होती तो,
माँ अपने पल्लू में ढाँक लेती.
पल्लू --> एप्रन का काम भी करता था.
माँ इसको हाथ तौलिया के रूप में भी
इस्तेमाल कर लेती थी.
पल्लू का उपयोग पेड़ों से गिरने वाले
मीठे जामुन और सुगंधित फूलों को
लाने के लिए किया जाता था.
पल्लू में धान, दान, प्रसाद भी
संकलित किया जाता था.
पल्लू घर में रखे समान से
धूल हटाने में भी बहुत सहायक होता था.
कभी कोई वस्तु खो जाए, तो
एकदम से पल्लू में गांठ लगाकर
निश्चिंत हो जाना , कि
जल्द मिल जाएगी.
पल्लू में गाँठ लगा कर माँ
एक चलता फिरता बैंक या
तिजोरी रखती थी, और अगर
सब कुछ ठीक रहा, तो कभी-कभी
उस बैंक से कुछ पैसे भी मिल जाते थे.
*मुझे नहीं लगता, कि विज्ञान पल्लू का विकल्प ढूँढ पाया है !*
*मां का पल्लू कुछ और नहीं, बल्कि एक जादुई एहसास है !*
स्नेह और संबंध रखने वाले अपनी माँ के इस प्यार और स्नेह को हमेशा महसूस करते हैं, जो कि आज की पीढ़ियों की समझ में आता है कि नहीं........
*अब जीन्स पहनने वाली माएं, पल्लू कहाँ से लाएंगी*
*पता नहीं......!!
कड़वा है पर सच्चाई यही है
💞🙏💞
उसकी माँ रोते रोते घर चली गयी और टीचर भी सिसकियां लेते हुए स्कूल चला गया। बच्चे ने दुकानदार को पैसे दिए और आज उसको दुकानदार ने एक लेडी सूट देते हुए कहा कि बेटा आज सूट के सारे पैसे पूरे हो गए हैं। अपना सूट ले लो, बच्चे ने उस सूट को पकड़ कर स्कूल बैग में रखा और स्कूल चला गया।
आज भी वह एक घंटा देर से था, वह सीधा टीचर के पास गया और बैग डेस्क पर रख कर मार खाने के लिए अपनी पोजीशन संभाल ली और हाथ आगे बढ़ा दिए कि टीचर डंडे से उसे मार ले। टीचर कुर्सी से उठा और फौरन बच्चे को गले लगा कर इस क़दर ज़ोर से रोया कि मैं भी देख कर अपने आंसुओं पर क़ाबू ना रख सका।
मैने अपने आप को संभाला और आगे बढ़कर टीचर को चुप कराया और बच्चे से पूछा कि यह जो बैग में सूट है वह किस के लिए है। बच्चे ने रोते हुए जवाब दिया कि मेरी माँ अमीर लोगों के घरों में मजदूरी करने जाती है और उसके कपड़े फटे हुए होते हैं कोई जिस्म को पूरी तरह से ढांपने वाला सूट नहीं और और मेरी माँ के पास पैसे नही हैं इस लिये अपने माँ के लिए यह सूट खरीदा है।
तो यह सूट अब घर ले जाकर माँ को आज दोगे? मैने बच्चे से सवाल पूछा। जवाब ने मेरे और उस बच्चे के टीचर के पैरों के नीचे से ज़मीन ही निकाल दी। बच्चे ने जवाब दिया नहीं अंकल छुट्टी के बाद मैं इसे दर्जी को सिलाई के लिए दे दूँगा। रोज़ाना स्कूल से जाने के बाद काम करके थोड़े थोड़े पैसे सिलाई के लिए दर्जी के पास जमा किये हैं।
टीचर और मैं सोच कर रोते जा रहे थे कि आखिर कब तक हमारे समाज में गरीबों के साथ ऐसा होता रहेगा उन के बच्चे त्योहार की खुशियों में शामिल होने के लिए जलते रहेंगे आखिर कब तक।
क्या ऊपर वाले की खुशियों में इन जैसे गरीब का कोई हक नहीं ? क्या हम अपनी खुशियों के मौके पर अपनी ख्वाहिशों में से थोड़े पैसे निकाल कर अपने समाज मे मौजूद गरीब और बेसहारों की मदद नहीं कर सकते।
आप सब भी ठंडे दिमाग से एक बार जरूर सोचना ! ! ! !
अगर हो सके तो इस लेख को उन सभी सक्षम लोगो को बताना ताकि हमारी इस छोटी सी कोशिश से किसी भी सक्षम के दिल मे गरीबों के प्रति हमदर्दी का जज़्बा ही जाग जाये और यही लेख किसी भी गरीब के घर की खुशियों की वजह बन जाये।
सुनो ना
अब लौट कर मत आना
ये सच की तुम्हारी कमी कोई पूरी नही कर सकता मेरी जिंदगी में
ये सच है की अब जीना होगा तुम्हारे बिना
हां ये सच है की अब वो पहले सी हसीन। जिंदगी नही होगी
नही रहेगी चेहरे पर पहले सी मुस्कान
नही रहेगा अब हर शाम तुम्हारा इंतजार
हां ये सच की जरा मुश्किल होगा बिना हमसफर के सफर तय करना
हां ये सच है की अब किसी से ठीक से बात करने में भी हिचकिचाहट होगी
हां ये सच है की अब किसी अजनबी को अपना बनाने में डर रहेगा
हां ये सच है की अब खुशियों से नाता कम रहेगा
पर हा
तुम इन सब की परवाह किए बिना जीना अपनी जिंदगी
मुझ अल्हड़ आवारा लड़के के लिए अपनी खुशियां दाव पर ना लगाना
और हमारे बीच जो भी था किसी को ना बताना
वो वक्त अलग था जब हम एक दूसरे के साथ जिंदगी गुजरना चाहते थे
वो वक्त अलग था जब हम एक दूसरे के साथ मंजिल पाने की चाह रखते थे
पर अब सब कुछ बदल चुका है
अब हमारी मंजिल और रास्ते दोनो अलग हो गए
अब हमारे सफर और हमसफर सब कुछ बदल गया है।
और सुनो
अब जीना सीख लिया है मैने तुम्हारे बिना
वो जिसे जिंदा लाश बना कर तुम छोड़ गए थे उसे फिर से जिंदगी जीना आ गया है
वो वक्त गुजर चुका है तुम्हारी यादों में खोए रहने का
हर पल तुम्हारे आने के भरम को पाले हुए जिंदगी जीने का
अब ना
मैने खुद से मोहोब्बत करना सीख लिया है
अब खुद को संभालना भी आ गया है
बनाना बिगाड़ना भी आ गया है
तुम मत आना
मैं अब खुद को बिखरने नही देना चाहता
मैं नही चाहता की पुरानी बाते फिर से दोहराई जाए
मैं नही चाहता की फिर से तोड़ दूं अपने आप को जिसे बनाने में एक अरसा लगाया है
पवन✍
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फिर उसने पिए से कहा _ तुम आनंद के साथ मिलकर पदमिनी के घर के अलावा इस गांव के जितने भी वंचित लोग है जिनको उज्जवला,बिजली ,पानी ,आवास , बृद्धा पेंशन,राशन और अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है सबकी सूची बनाकर सबका सभी योजनाओं का फार्म भरवा दो।
तुम आज यही इसी गांव में रुको अभी थोड़ी देर में वीडीओ साहब आ रहे हैं उनसे मिलकर सारा फार्म भरवा दो । वीडीओ साहब सभी संबंधित विभाग को सबका आवेदन भेजकर काम करवा देंगे।एक महीने के भीतर सबको सारी योजनाओं का लाभ मिल जाना चाहिए।
सबसे पहले पदमिनी के घर का सारा काम हो जाना चाहिए।
फिर उन्होंने अक्षय लाल को पच्चीस हजार रूपए देते हुए कहा _ ये लीजिए इसे आप अपने मकान की मरम्मत का सारा कर्जा चुका दे।
अक्षय लाल ने लेने से इंकार किया लेकिन विधायक ने रुपए उनके हाथों में जबरजस्ती थमा दिया।
विधायक का यह व्यवहार देखकर गांव वाले बहुत खुश हुए सबलोग उनकी जय जयकार करने लगे ।
तभी पदमिनी ने कहा _ अंकल आप तो अगला चुनाव जीत नही रहे हैं फिर भी ये सब क्यों कर रहे हैं।
मैं साफ देख रही हूं आपका विरोधी फूल माला पहने गाजा बाजा के साथ विजय जुलूस निकाल रहा है।
उसकी बात सुनकर सबका मुंह खुला का खुला रह गया।चारो तरफ सन्नाटा छा गया।
थोड़ी देर बाद विधायक ने कहा _ बेटी मैं हार जीत के लिए जनता की सेवा नही कर रहा हूं।मैने सेवा का बीड़ा उठाया है इसलिए कर रहा हूं।
सब लोग आश्चर्य से पदमिनी को देख रहे थे।जो नेता उसके परिवार के लिए इतना कर रहा है उसके बारे में वो ऐसी बात कर रही है।कुछ लोग नाराज होने लगे ।
मेरी बात अभी खत्म नहीं हुई है।पदमिनी ने कहा _ मैं यह भी देख रही हूं की आप मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं।
उसकी बात सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ।
कुछ लोग खुशी से चिल्लाने भी लगे।
लेकिन जब विधायक जी चुनाव जीत नही पाएंगे तो मंत्री कैसे बनेंगे।एक आदमी ने पूछ ही लिया।
वो सब मैं नही जानती हूं। जो दिखा वो बता दिया।
सब लोग फिर विधायक की जयकार करने लगे।पदमिनी के भविष्यवाणी की भी चर्चा होने लगी ।उन्हे उसपर विश्वाश नही हो रहा था।पहले तो ये ऐसी नही थी ।।
विधायक ने उसके पिता से _ अब आप कही मजदूरी नहीं करेंगे ।मैं आपको एक कंपनी में चपरासी की नौकरी लगवा देता हूं आपको पंद्रह हजार रुपए महीने की तनख्वाह मिलेगी।
अक्षय लाल ने खुशी से उनके सामने हाथ जोड़ दिया और कहा _ नेता जी आप सचमुच महान है।आपकी सदा ही जय जयकार हो।
शेष अगले भाग _ 8 में
लेखक _ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड
मोब.9955509286
एक बूढ़ा व्यक्ति ट्रेन में सफर कर रहा था,
संयोग से वह कोच खाली था।
तभी 8-10 लड़के उस कोच में आये
और बैठ कर मस्ती करने लगे।
एक ने कहा - "चलो, जंजीर खीचते है".
दूसरे ने कहा - "यहां लिखा है 500 रु जुर्माना ओर 6 माह की कैद." तीसरे ने कहा - "इतने लोग है चंदा कर के 500 रु जमा कर देंगे."
चन्दा इकट्ठा किया गया तो 500 की जगह 1200 रु जमा हो गए.
जिसमे 200 के तीन नोट,
2 नोट पचास के, बांकी सब 100 के थे
चंदा पहले लड़के के जेब मे रख दिया गया। तीसरे ने कहा, "जंजीर खीचते है,
अगर कोई पूछता है,
तो कह देंगे बूढ़े ने खीचा है।
पैसे भी नही देने पड़ेंगे तब।"
बूढ़े ने हाथ जोड़ के कहा, "बच्चो,
मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है,
मुझे क्यो फंसा रहे हो?"
लेकिन नही ।
जंजीर खीची गई।
टीटीई आया, 2 सिपाही के साथ,
तो सभी लड़कों ने एक स्वर से कहा,
"बूढे ने जंजीर खीची है।"
टी टी बूढ़े से बोला, "शर्म नही आती
इस उम्र में ऐसी हरकत करते हुए?"
बूढ़े ने हाथ जोड़ कर कहा,
"साहब" मैंने जंजीर खींची है,
लेकिन मेरी बहुत मजबूरी थी।"
उसने पूछा, "क्या मजबूरी थी?"
बूढ़े ने कहा, "मेरे पास केवल 1200 रु थे,
जिसे इन लड़को ने छीन लिए और
इस पहले लड़के ने अपनी जेब मे रखे है।" जिसमे 200 के तीन नोट,
2 नोट पचास के & बाकी सब 100 के हैं
अब टीटी ने सिपाही से कहा,
"इसकी तलाशी लो".
जैसा बूढ़े ने कहा नोट मिलाये गए लड़के के जेब से 1200रु बरामद हुए,
जो बूढ़े को वापस कर दिए गए
और लड़कों को अगले स्टेशन में
पुलिस के हवाले कर दिया गया।
पुलिस के साथ जाते समय लड़के ने बूढ़े की ओर घूर के देखा तो बूढ़े ने
सफेद दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए कहा -
"बेटा, ये बाल धूंप में सफेद नही हुए है!"
😂😂
✍️✍️एक दिन एक लेखक की पत्नी ने उससे कहा कि तुम बहुत किताबें लिखते हो😀आज मेरे लिए कुछ लिखो तो फिर मुझे विश्वास होगा कि तुम सच में एक अच्छे लेखक हो...
फिर लेखक ने लिखा.. मेरा जादुई घर
मैं,मेरी पत्नी और हमारे बच्चे,एक जादुई घर में रहते हैं....😀
हम अपने गंदे कपड़े उतार देते हैं,जिन्हें अगले दिन साफ कर दिया जाता है😀
हम स्कूल और ऑफिस से आते ही अपने जूते उतार देते हैं, फिर अगली सुबह हम साफ सुथरे पॉलिश वाले जूते पहनते हैं...😀
हर रात कूड़े की टोकरी कचरे से भरी होती है और अगली सुबह खाली हो जाती है.... 😀
मेरे जादुई घर में खेलते समय बच्चों के कपड़ों से बदबू आती है,लेकिन अगले ही पल वे साफ हो जाते हैं और उनके खेल उपकरण जल्दी से अपने बक्से में फिर से व्यवस्थित हो जाते हैं..... 😀
मेरे जादुई घर में हर दिन मेरे और मेरे बच्चों के लिए पसंदीदा खाना बनता है...🙏
मेरे जादुई घर में,आप सुन सकते हैं "माँ, मम्मी मम्मा" हर दिन लगभग सौ बार पुकारा जाता है ...😀
मम्मा नेल क्लिपर कहाँ है...❓ माँ, मेरा गृहकार्य पूरा करो...मम्मा, भाई मुझे पीट रहा है...😀
मम्मा,आज मेरा स्कूल लंच बॉक्स बनाना मत भूलना,माँ आज ही हलवा पूङी बनाओ.... 😀
माँ,मुझे आज चींटी नहीं मिल रही है,वह यहां रोज एक लाइन में चलती है
माँ मेरे लिए एक सैंडविच बनाओ...मुझे भूख लगी है
माँ मुझे वॉशरूम जाना है...😀
मम्मा,मुझे पहले भूख लगी थी... 😀
अभी नहीं रात को सोने से पहले जो आखिरी शब्द सुना वो है "माँ" और सबसे पहला शब्द सुना है "माँ" जब मैं सुबह अपने जादुई घर में उठता हूँ ...🙏
बेशक, इस जादुई घर की ओर अब तक कोई भी आकर्षित नहीं हुआ है,हालांकि सभी के पास यह जादुई घर है ...
और शायद ही कभी किसी ने इस घर के "जादूगर" का धन्यवाद किया होगा... 😎
इन जादुई घरों का जादूगर कोई और नहीं बल्कि हर "पत्नी और मां" है। जो अपने ही घरों में करते हैं ऐसा जादू...👍
भगवान हर उस "पत्नी और मां" को आशीर्वाद दें,जिनके "धैर्य और अनंत कर्म" हर घर में समृद्धि लाते हैं...
सभी माताओं, पत्नियों, बेटियों और बहनों को समर्पित
❤️🙏❤️
अज्ञात।।
हो सकता आप सब ने पहले भी पढ़ी हो यह रचना, पर अच्छी लगी इसी लिए सांझा कर रहा हूं मैं
💞💞🙏🏻💞💞
थोड़ी देर बाद उस नाग ने अपना मुंह उठाया और बगल में रखे एक दूध के बर्तन में ढेरा सारा बिष उगल दिया ।सारा दूध थोड़ी ही देर में बिलकुल नीला हो गया।
सब लोग आंखे फाड़ कर इस अजीब नजारे को देख रहे थे।सभी भयभीत भी हो रहे थे।आनंद भी अपने बेड पर से इस नजारा को देख रहा था।
वो संपेरा अभी भी मंत्र पढ़ता जा रहा था।
तभी उस काले नाग ने अपना मुंह फिर उस निसान पर लगा दिया और बिष को चूसने लगा ।फिर उसने दूसरे दूध के बर्तन में अपना मुंह डालकर काफी मात्रा में जहर उगल दिया ।इस बार भी पूरा दूध नीला पड़ गया लेकिन पहले वाले से थोड़ा कम नीला हुआ था।
उस नाग ने तीसरी बार अपना मुंह उसके पैरो पर लगा दिया ।इस बार जल्दी ही उसने अपना मुंह वहा से हटा लिया और तीसरे दूध के बर्तन में अपना मुंह डालकर जहर उगला लेकिन इस बार नाम मात्र का जहर था।इसलिए दूध भी भी हल्का नीला हुआ ।लेकिन वो काला नाग काफी सुस्त होने लगा था।शायद वो अपने ही जहर के असर से सुस्त हो रहा था।उस संपेरे ने मंत्र पढ़ते हुए गमले में रखे दूध को उस नाग की तरफ बढ़ा दिया।नाग ने धीरे धीरे पूरा दूध पी लिया लेकिन तुरंत उसने सारा दूध उस बर्तन में उगल दिया ।
दूध काफी नीला था।शायद संपेरे ने उसके पेट से जहर की सफाई करने के लिए ऐसा किया होगा।
सांप थोड़ी देर के लिए मूर्छित की अवस्था में वहा पड़ गया।
संपेरे ने कहा _ कृपया कोई सांप पर लाठी डंडा नही चलाएगा।
सब लोग स्तब्ध होकर सारा नजारा देख रहे थे।सांप को मारने की कोई सोच भी नही सकता था।इतने विशाल और काला नाग को देखकर सबके जान प्राण सुख रहे थे।
तभी सबने देखा उस मरीज का पूरा शरीर जो सांप के जहर से नीला पड़ गया था।अब सामान्य अवस्था में आने लगा था।उसकी पत्नी के चेहरे पर राहत महसूस हो रही थी।वो कृतज्ञता से उस संपेरे को देख रही थी । शायद वो मन ही मन उसका आभार प्रकट कर रही थी ।
इतने में कई गाड़ियों से जिला के डिप्टी कमिश्नर,सिविल सर्जन और एसपी साहब कई पुलिस के जवानी के साथ दनदनाते हुए अस्पताल के अंदर पहुंच गये और बड़े डॉक्टर को बुलाने लगे ।
डिप्टी कमिश्नर ने बड़े डॉक्टर के आने पर उसे फटकार लगाते हुए कहा _ डॉक्टर होकर आप अपने अस्पताल में झाड़ फूंक करवा रहे हैं आपको शर्म आनी चाहिए।लोग क्या कहेंगे।मुझे सरकार को जवाब देना पड़ेगा।
सिविल सर्जन ने कहा _ आपका अस्पताल ग्रामीण क्षेत्र में पड़ता है। यहां सांप के काटने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं।अगर आपके एंटी स्नेक वेक्सिन नही उपलब्ध थी तो आपको सदर अस्पताल आकर रिपोर्ट करनी चाहिए थी ।जिला प्रशासन आपको उपलब्ध कराता ।लेकिन आपने घोर लापरवाही किया है आपको इसका जवाब देना पड़ेगा और स्वस्थ विभाग आपके खिलाफ कड़ी कार्यवाई भी करेगा।
बड़ा डॉक्टर थर थर कांपने लगा और हाथ जोडकर कहा _ सर माफ करे मुझे नही लगा था की कभी ऐसी परिस्थिति आ जायेगी वरना मैं पहले से सावधान रहता और आपसे जरूर संपर्क करता।
मरीज की जान बचाने के लिए ऐसा करना पड़ा।
सिविल सर्जन ने कहा _ मैं एंटी स्नेक वेक्सिन साथ में लाया हूं आप फौरन उसे मरीज को लगाए।मरीज के इलाज में जितना भी खर्चा आएगा सब जिला प्रशासन देगा ।आप प्राइवेट अस्पताल चला रहे है लेकिन आप स्वस्थ के नियमो की अवहेलना नही कर सकते।
एसपी ने कहा _ आपको लापरवाही बरतने और अंधविश्वास फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है।लिखित में स्पष्टीकरण देने के बाद ही आप छूट पाएंगे।
संपेरे ने नाग के दोनो कनपटियो से मंत्र पढ़कर अपनी दोनो कौडियो को निकाल लिया ।थोड़ी देर में सांप को होश आ गया और वो धीरे धीरे रेंगता हुआ सबकी आंखों से ओझल हो गया।
उस मरीज को तुरंत एंटी स्नेक वेक्सिन लगाया गया।कुछ घंटो के बाद मरीज को को होश आ गया।
सबको यह समझ में नही आया वो मरीज संपेरे की वजह से बचा या एंटी स्नेक वेक्सिन की वजह से लेकिन मरीज की जान बचने से सबने राहत की सांस लिया।
आनंद को बहुत खुशी हुई ।एक तो पदमिनी की भविष्यवाणी सत्य साबित हुई और दूसरी उस मरीज की जान बच गई।
डिप्टी कमिश्नर ने सिविल सर्जन से कहा _ आप अपने जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में जांच करवाए और जहा भी एंटी स्नेक वेक्सिन नही हो वहा उपलब्ध कराए।आने वाले बरसात के मौसम में सर्प दंश की घटनाएं बढ़ सकती हैं।किसी भी बयक्ति की मृत्यु नही होनी चाहिए।
शेष अगले भाग _4 में
लेखक श्याम कुंवर भारती
बोकारो,झारखंड
मॉब.9955509286
घर की रौनक है बेटियां,
तो बेटे हो-हल्ला है,
गिल्ली है, डंडा है, कंचे है,
गेंद और बल्ला है,
बेटियां मंद बयारो जैसी,
तो अलमस्त तूफ़ान है बेटे,
हुडदंग है, मस्ती है, ठिठोली है,
नुक्कड़ की पहचान है बेटे,
आँगन की दीवार पर
स्टंप की तीन लकीरें है बेटे,
गली में साइकिल रेस,
और फूटे हुए घुटने है बेटे,
बहन की ख़राब
स्कूटी की टोचन है बेटे,
मंदिर की लाइन में पीछे से
घुसने की तिकड़म है बेटे,
माँ को मदद, बहन को दुलार,
और पिता को जिम्मदारी है बेटे,
कभी अल्हड बेफिक्री, तो कभी
शिष्टाचार, समझदारी है बेटे,
मोहल्ले के चचा की छड़ी
छुपाने की शरारत है बेटे,
कभी बस में खड़े वृद्ध को देख,
बाउजी आप बैठ जाओ वाली शराफत है बेटे,
बहन की शादी में दिन रात
मेहनत में जुट जाते है बेटे,
पर उसही की विदाई के वक़्त
जाने कहा छुप जाते है बेटे,
पिता के कंधो पर बैठ कर
दुनिया को समझती जिज्ञासा है बेटे,
तो कभी बूढ़े पिता को दवा,
सहारा, सेवा सुश्रुषा है बेटे,
पिता का अथाह विश्वास और
परिवार का अभिमान है बेटे,
भले कितने ही शैतान हो
पर घर की पहचान है बेटे.
🌟🌟🌟🌟
🌷🌷🌹🌹
कहानी _ भविष्य दर्शन
भाग _2
लेखक _ श्याम कुंवर भारती
पदमिनी ने आनंद से कहा _ अच्छा अब मैं चलती हूं मेरी मां मेरा इंतजार करती होगी।अपना ख्याल रखना।मैं कल फिर आऊंगी।
आनंद ने कहा _ ठीक है जाओ लेकिन मेरे एक्सीडेंट के बारे में तो बता दी ।लगे हाथ यह भी बताती जाओ मुझे अस्पताल से छुट्टी कब मिलेगी।
उसकी बात सुनकर वो हंसने लगी ।अभी तो आए हो आराम से पड़े रहो ।तुम्हारे बारे में जब दिखेगा तो बता दूंगी।इतना कहकर वो चली गई ।
उसके जाने के बाद आनंद उस मरीज को देखने लगा ।उसकी पत्नी डॉक्टर्स से हाथ जोडकर अपने पति की जान बचाने की गुहार लगाती रही लेकिन वे लोग उसे अपने पति को किसी दूसरे अस्पताल में ले जाने की सलाह देते रहे।
इतने में एक मरीज स्ट्रेचर पर लिटा हुआ आया ।उसके साथ आए उसके परिवार जनों ने कहा _ इनको मलेरिया हो गया है। ठंड के साथ बुखार आ रहा है और उल्टी भी हो रही है । दवा देने के बाद भी इनकी हालत सुधर नहीं रही है ।
डॉक्टरों ने उस मरीज को तुरंत भर्ती कर उसका इलाज शुरू किया।उसे ग्लूकोज की सेलाइन चढ़ाया जाने लगा ।अन्य कई दवाइयों का इंजेक्शन सेलाईन के माध्यम से दिया गया।
डॉक्टर ने कहा थोड़ी देर में इनकी हालत में काफी सुधार हो जायेगा।आप लोग निश्चिंत रहें।
उधर जिस मरीज को जहरीले सांप ने काटा था उसके परिजन अभी भी इसका इलाज करने की जिद पर अड़े हुए थे लेकिन डॉक्टर अपनी असमर्थता जताते रहे।
तभी एक नर्स आनंद के पास आई और कुछ दवा देकर खाने को कहा और उसके जख्मों पर दवा लगा दिया।
आनंद ने उस नर्स से कहा _ सिस्टर क्या आपके अस्पताल में सांप के काटने का कोई इलाज नहीं है।
देखिए ने उस मरीज की पत्नी कितनी रो रही है ।
नर्स ने कहा _ मेरे अस्पताल में इस तरह के मरीज बहुत कम आते हैं।इसलिए इसका एंटी वेक्सिन नही रखते ।अगर कोई मरीज आता भी है तो उसे दूसरे अस्पताल में भेज दिया जाता है।वेक्सिन थोड़ी महंगी भी होती है।इतना कहकर वो नर्स चली गई।
आनंद को उस मरीज और उसकी पत्नी पर बड़ा तरस आ रहा था।वो पदमिनी की कई गई भविष्यवाणी को आजमाना भी चाहता था।आखिर उसने कहा है कि वो बच जायेगा तो सही ही होगा जैसे मेरे बारे में कहा था।
लेकिन कैसे ।डॉक्टर तो उसका इलाज करना ही नही चाहते या कर ही नहीं सकते ।उसकी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी।उसे अपने चोट खाए शरीर के दर्द का एहसास भी नहीं हो रहा था।उसका पूरा ध्यान उस मरीज की तरफ लगा हुआ था।
तभी उसने देखा एक डॉक्टर ने उस मरीज की पत्नी को डांटते हुए कहा _ देखिए आप जितनी देर यहां रुकेंगी उतना ही आपके पति के जान को खतरा बढ़ता जायेगा।क्योंकि इनका इलाज यहां नही हो सकता है।
इनको किसी और अस्पताल में ले जाए शायद वहा इनकी जान बचाई जा सके। यहां हमारा और अपना समय बर्बाद न करें।
उसकी पत्नी रोए जा रही थी।अब मैं इनको कहा लेकर जाऊं डॉक्टर साहब आप ही कुछ कीजिए।मेरे पास उतना पैसा भी नहीं है की इन्हे कही और लेकर जा सकूं।उसके साथ उसके परिवार वाले भी डॉक्टर को मानने में लगे हुए थे।
थोड़ी देर बाद तभी मलेरिया से पीड़ित मरीज की तबीयत में काफी सुधार आ गया।
उसकी ग्लूकोज की सेलाइन निकाल दी गई। ओ उठकर बैठ गया।उसके परिजन उसे इस हाल में देखकर बहुत खुश हुए।एक ने उसे छूकर देखा उसका,बुखार उतर चुका था।
डॉक्टर ने कहा_ इनका बुखार तो उतर चुका है लेकिन इनके इलाज में थोड़ा समय लगेगा।इसलिए इनको अभी अस्पताल में चार पांच दिन रुकना पड़ेगा।इनका अभी मेडिकल चेकअप होगा।
उसके परिवार वालों ने कहा_ कोई बात नही डॉक्टर साहब जब ये पूरी तरह ठीक हो जाएंगे तभी इनको घर ले जायेंगे।
डॉक्टर ने कहा_ लेकिन इनके साथ केवल एक आदमी ही रहेगा अस्पताल में बाकी लोग अपने घर जा सकते है।
उसके बेटे ने कहा _ मै अपने पिता के साथ रहूंगा।इसके बाद बाकी लोग जाने लगे तभी उस मरीज ने उस रोती हुई औरत के बारे में पूछा ।सबने उसके पति के बारे में बताया।सुनकर ओ मरीज चौंक गया।उसने कहा _ अगर अस्पताल मुझे इजाजत दे तो मैं इसको ठीक कर सकता हूं।
उसकी बात बिजली की तरह पूरे अस्पताल में फैल गई।क्योंकि उस मरीज की काफी चर्चा हो रही थी जिसे सांप ने काटा था।
थोड़ी देर मे कई डॉक्टर उस मलेरिया पीड़ित मरीज के पास पहुंच गए और पूछने लगे तुमने कहा है कि तुम उस मरीज को ठीक कर सकते हो ।क्या तुम भी कोई डॉक्टर हो या वैद्य हो।
उसने कहा _ मैं इसमें से कोई नहीं हूं डॉक्टर साहब मैं एक संपेरा हूं।मुझे सांप के जहर को उतारने का मंत्र आता है।
यदि आप सब इजाजत दे तो मैं इसका जहर उतार सकता हूं।
डॉक्टर ने कहा _ देखो यह अस्पताल है । यहां झाड़ फूंक नही होता है ।मेडिकल के नियम से इलाज होता है।
:: आधुनिक दादा पोता संवाद::
😂😂😂😂
पोता, दादाजी से ......
'पत्नी' और 'प्रेमिका' में क्या अंतर है?
दादाजी ने एक मिनट सोचा और इस तरह स्पष्टीकरण को सरल बनाया;
सुनो बेटा,
पत्नी एक टीवी की तरह है और प्रेमिका एक मोबाइल की तरह .....
घर पर टीवी मनोरंजन का मुख्य साधन है....और बाहर मोबाइल ।
कभी-कभी आप टीवी का आनंद लेते हैं, लेकिन अधिकांश समय, आप अपने मोबाइल के साथ व्यस्त रहते हैं....
टीवी मुफ्त (एंटिना)है, लेकिन मोबाइल के लिए, यदि आप भुगतान नहीं करते हैं, तो सेवाएं समाप्त हो जाएंगी।
टीवी बड़ा है, भारी है और पुराना है
लेकिन मोबाइल प्यारा है, पतला-सुडौल है और पोर्टेबल है.....
टीवी के लिए परिचालन लागत अक्सर "स्वीकार्य" होती है
लेकिन मोबाइल के लिए, यह अक्सर "उच्च" होती है...
टीवी में एक रिमोट भी होता है,लेकिन मोबाइल में नहीं
सबसे महत्वपूर्ण बात, मोबाइल एक टू-वे कम्युनिकेशन है (आप बात करते हैं और सुनते हैं), लेकिन टीवी के साथ, आप केवल सुनो (चाहे आप चाहते हों या नहीं)!
Last but not least,
फिर भी टीवी बेहतर हैं क्योंकि टीवी में वायरस की सम्भावना ना के बराबर होती है, लेकिन मोबाइल में अक्सर ऐसी सम्भावना पायी जाती हैं, और मोबाइल को आसानी से हैक या चुराया जा सकता है, जबकि टीवी को नहीं
ख्याल रखें और केवल टीवी से चिपके रहें।
💞🙏🏻💞
लक्ष्मी_के_पग
चंद_लाइनें_mom_के_लिए
💞💞💞
*रात के पौने ... 8 बजे का समय रहा होगा। एक लड़का एक जूतों की दुकान में आता है, गांव का रहने वाला था, पर तेज़ था।
उसका बोलने का लहज़ा गांव वालों की तरह का था, परन्तु बहुत ठहरा हुआ लग रहा था। उम्र लगभग 22 वर्ष का रहा होगा ।
दुकानदार की पहली नज़र उसके पैरों पर ही जाती है। उसके पैरों में लेदर के शूज थे, सही से पाॅलिश किये हुये।
*दुकानदार* -- "क्या सेवा करूं ?"
*लड़का* -- "मेरी माँ के लिये चप्पल चाहिये, किंतु टिकाऊ होनी चाहिये !"
*दुकानदार* -- "वे आई हैं क्या ? उनके पैर का नाप ?"
लड़के ने अपना बटुआ बाहर निकाला, *चार बार फोल्ड किया हुआ एक कागज़ जिस पर पेन से आऊटलाईन बनाई हुई थी दोनों पैर की !*
*दुकानदार* -- "अरे बेटा! मुझे तो नाप के लिये नम्बर चाहिये था ?"
वह लड़का ऐसा बोला... मानो कोई बाँध फूट गया हो --
"क्या नाप बताऊ साहब ?
मेरी माँ की ज़िन्दगी बीत गई, पैरों में कभी चप्पल नहीं पहनी। *माँ मेरी मजदूर है, काँटे झाड़ी में भी जानवरों जैसे मेहनत कर-करके मुझे पढ़ाया, पढ़ कर, अब नौकरी लगी।*
आज़ पहली तनख़्वाह मिली है।
दिवाली पर घर जा रहा हूं, तो सोचा माँ के लिए क्या ले जाऊँ ?
तो मन में आया कि *अपनी पहली तनख़्वाह से माँ के लिये चप्पल लेकर आऊँ !"*
दुकानदार ने अच्छी टिकाऊ चप्पल दिखाई, जिसकी आठ सौ रुपये कीमत थी।
"चलेगी क्या ?"
आगन्तुक लड़का उस कीमत के लिये तैयार था ।
दुकानदार ने सहज ही पूछ लिया -- "बेटा !, कितनी तनख़्वाह है तेरी ?"
"अभी तो बारह हजार, रहना-खाना मिलाकर सात-आठ हजार खर्च हो जाएंगे है यहाँ, और तीन हजार माँ के लिये !."
"अरे !, फिर आठ सौ रूपये... कहीं ज्यादा तो नहीं...।"
तो बात को बीच में ही काटते हुए लड़का बोला -- "नहीं, कुछ नहीं होता !"
दुकानदार ने चप्पल बाॅक्स पैक कर दिया। लड़के ने पैसे दिये और
ख़ुशी-ख़ुशी दुकान से बाहर निकला ।
चप्पल जैसी चीज की, कोई किसी को इतनी महंगी भेंट नहीं दे सकता...
पर दुकानदार ने उसे कहा --
"थोड़ा रुको !"
साथ ही दुकानदार ने एक और बाॅक्स उस लड़के के हाथ में दिया -- *"यह चप्पल माँ को, तेरे इस भाई की ओर से गिफ्ट । माँ से कहना पहली ख़राब हो जायें तो दूसरी पहन लेना, नँगे पैर नहीं घूमना और इसे लेने से मना मत करना !"*
दुकानदार की ओर देखते हुए उसकी दोनों की आँखें भर आईं !
*दुकानदार* ने पूछा --
"क्या नाम है तेरी माँ का ?"
"लक्ष्मी।" उसने उत्तर दिया।
दुकानदार ने एकदम से दूसरी मांग करते हुए कहा--
"उन्हें मेरा प्रणाम कहना, और क्या मुझे एक चीज़ दोगे ?"
"बोलिये।"
"वह पेपर, जिस पर तुमने पैरों की आऊटलाईन बनाई थी, वही पेपर मुझे चाहिये !"
वह कागज़, दुकानदार के हाथ में देकर वह लड़का ख़ुशी-ख़ुशी चला गया !
वह फोल्ड वाला कागज़ लेकर दुकानदार ने अपनी दुकान के पूजा घर में रख़ा,
दुकान के पूजाघर में कागज़ को रखते हुये दुकानदार के बच्चों ने देख लिया था और उन्होंने पूछ लिया कि -- "ये क्या है पापा ?"
दुकानदार ने लम्बी साँस लेकर अपने बच्चों से बोला --
"लक्ष्मीजी के *पग* लिये हैं बेटा !!
एक सच्चे भक्त ने उसे बनाया है, इससे धंधे में बरकत आती है !"
बच्चों ने, दुकानदार ने और सभी ने मन से उन पैरों को और उसके पूजने वाले बेटे को प्रणाम किया।
मां_और_पापा *तो हमेशा पुजनीय होते हैं,
चाहे मेरी या आपकी,है न....
❤️🌹🌹💞
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खुद को बढ़ती उम्र के साथ स्वीकारना एक तनावमुक्त जीवन देता है।
हर उम्र एक अलग तरह की खूबसूरती लेकर आती है उसका आनंद लीजिये
बाल रंगने है तो रंगिये,
वज़न कम रखना है तो रखिये,
मनचाहे कपड़े पहनने है तो पहनिए,
बच्चों की तरह खिलखिलाइये,
अच्छा सोचिये,
अच्छा माहौल रखिये,
शीशे में दिखते हुए अपने अस्तित्व को स्वीकारिये।
कोई भी क्रीम आपको गोरा नही बनाती,
कोई शैम्पू बाल झड़ने नही रोकता,
कोई तेल बाल नही उगाता,
कोई साबुन आपको बच्चों जैसी स्किन नही देता।
चाहे वो प्रॉक्टर गैम्बल हो या पतंजलि .....सब सामान बेचने के लिए झूठ बोलते हैं।
ये सब कुदरती होता है।
उम्र बढ़ने पर त्वचा से लेकर बॉलों तक मे बदलाव आता है।
पुरानी मशीन को Maintain करके बढ़िया चला तो सकते हैं, पर उसे नई नही कर सकते।
ना किसी टूथपेस्ट में नमक होता है ना किसी मे नीम।
किसी क्रीम में केसर नही होती, क्योंकि 2 ग्राम केसर भी 500 रुपए से कम की नही होती !
कोई बात नही अगर आपकी नाक मोटी है तो,
कोई बात नही आपकी आंखें छोटी हैं तो,
कोई बात नही अगर आप गोरे नही हैं
या आपके होंठों की shape perfect नही हैं....
फिर भी हम सुंदर हैं,
अपनी सुंदरता को पहचानिए।
दूसरों से कमेंट या वाह वाही लूटने के लिए सुंदर दिखने से ज्यादा ज़रूरी है, अपनी सुंदरता को महसूस करना।
हर बच्चा सुंदर इसलिये दिखता है कि वो छल कपट से परे मासूम होता है और बडे होने पर जब हम छल व कपट से जीवन जीने लगते है तो वो मासूमियत खो देते हैं
...और उस सुंदरता को पैसे खर्च करके खरीदने का प्रयास करते हैं।
मन की खूबसूरती पर ध्यान दो।
पेट निकल गया तो कोई बात नही उसके लिए शर्माना ज़रूरी नही।
आपका शरीर आपकी उम्र के साथ बदलता है तो वज़न भी उसी हिसाब से घटता बढ़ता है उसे समझिये।
सारा इंटरनेट और सोशल मीडिया तरह तरह के उपदेशों से भरा रहता है,
यह खाओ, वो मत खाओ
ठंडा खाओ, गर्म पीओ,
कपाल भाती करो,
सवेरे नीम्बू पीओ,
रात को दूध पीओ
ज़ोर से सांस लो, लंबी सांस लो
दाहिने से सोइये ,
बाहिने से उठिए,
हरी सब्जी खाओ,
दाल में प्रोटीन है,
दाल से क्रिएटिनिन बढ़ जायेगा।
अगर पूरे एक दिन सारे उपदेशों को पढ़ने लगें तो पता चलेगा
ये ज़िन्दगी बेकार है ना कुछ खाने को बचेगा ना कुछ जीने को !!
आप डिप्रेस्ड हो जायेंगे।
ये सारा ऑर्गेनिक, एलोवेरा, करेला, मेथी, पतंजलि में फंसकर दिमाग का दही हो जाता है।
स्वस्थ होना तो दूर स्ट्रेस हो जाता है।
अरे! अपन मरने के लिये जन्म लेते हैं,
कभी ना कभी तो मरना है अभी तक बाज़ार में अमृत बिकना शुरू नही हुआ।
हर चीज़ सही मात्रा में खाइये,
हर वो चीज़ थोड़ी थोड़ी जो आपको अच्छी लगती है।
*भोजन का संबंध मन से होता है*
*और मन अच्छे भोजन से ही खुश रहता है।*
*मन को मारकर खुश नही रहा जा सकता।*
थोड़ा बहुत शारीरिक कार्य करते रहिए,
टहलने जाइये,
लाइट कसरत करिये,
व्यस्त रहिये,
खुश रहिये,
शरीर से ज्यादा मन को सुंदर रखिये
💞🙏💞
एक शादीशुदा जोड़ा टीवी पर IPL का मैच साथ में देख रहा होता हैं......!!
पाँच मिनट के बाद....
पत्नी: ये ब्रेट ली है क्या?
पति: नहीं..ये क्रिस गेल है..ब्रेट ली तो तेज गेंदबाज़ है।
पत्नी: ब्रेट ली तो काफी स्मार्ट है...उसे तो अपने भाई की तरह फिल्मों में हीरो बन जाना चाहिए।
पति: उसका कोई भाई फिल्म अभिनेता नहीं है।
पत्नी:तो ये ब्रूस ली कौन है फिर?
पति: अरे नहीं भाई...ब्रेट ली तो आस्ट्रेलिया से है..क्रिकेटर....औऱ ब्रूस ली फिल्मों में है...,
पत्नी: अरे वाह...वो देखो दो मिनट में एक और विकेट गिर गया।
पति: अरे नहीं ये एक्शन रिप्ले है।
पत्नी: ऐसा लग रहा है कि मैच भारत जीत जायेगा..क्यों जी..ठीक कहा न..
पति: इसमें भारत नहीं खेल रहा है...ये चेन्नई और जयपुर के बीच है..आईपीएल का मैच है...
पत्नी: ये अंपायर हाथ हिलाकर हेलीकाप्टर क्यों बुला रहा है?पगला गया है क्या .....
पति: वो हेलीकाप्टर नहीं बुला रहा है...ये फ्री हिट का इशारा है।
पत्नी: दर्शकों ने क्या पैसे नहीं दिये जो ये फ्री हिट दे रहा है?अब ये किसे हाय कह रहा है?
पति: ये "बाय" का इशारा है।
पत्नी: ये बाय क्यों कह रहा है? क्या मैच खत्म हो गया है ?अब कितने रन और चाहिए जीतने के लिए?
पति: 36 गेंदों में 72 रन चाहिए।
पत्नी: ओह बस! ये तो कितना आसान है....केवल 1 गेंद पर 2 रन ही बनाना है।
पति झल्लाकर ग़ुस्से में टीवी बंद कर देता है.....
तुरंत पत्नी उठती है और फिर से टीवी चलाती है और बालिका वधु देखने लग जाती है।
पति: ये आनंदी कौन है?
पत्नी:तुम्हारी माँ.....
अब अगर तुमने मुझसे एक भी प्रश्न पूछ कर मुझें परेशान किया तो देख लेना......टीवी फोड़ दूँगी..
औऱ फिर भी तुम्हारा बक बक बंद नहीं हुआ तो पूरे घर में आग लगा दूँगी....पक्का....समझ लो एकबार में....जब देखो तब खाली बक बक करते रहते हो...
सभी शादीशुदा मर्दो को समर्पित
🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
थोड़ा सा समय निकाल कर पढ़िएगा जरूर........
मैं एक घर के करीब से गुज़र रहा था की अचानक से मुझे उस घर के अंदर से एक बच्चे की रोने की आवाज़ आई। उस बच्चे की आवाज़ में इतना दर्द था कि अंदर जा कर वह बच्चा क्यों रो रहा है, यह मालूम करने से मैं खुद को रोक ना सका।
अंदर जा कर मैने देखा कि एक माँ अपने दस साल के बेटे को आहिस्ता से मारती और बच्चे के साथ खुद भी रोने लगती। मैने आगे हो कर पूछा बहनजी आप इस छोटे से बच्चे को क्यों मार रही हो? जब कि आप खुद भी रोती हो।
उस ने जवाब दिया भाई साहब इस के पिताजी भगवान को प्यारे हो गए हैं और हम लोग बहुत ही गरीब हैं, उन के जाने के बाद मैं लोगों के घरों में काम करके घर और इस की पढ़ाई का खर्च बामुश्किल उठाती हूँ और यह कमबख्त स्कूल रोज़ाना देर से जाता है और रोज़ाना घर देर से आता है।
जाते हुए रास्ते मे कहीं खेल कूद में लग जाता है और पढ़ाई की तरफ ज़रा भी ध्यान नहीं देता है जिस की वजह से रोज़ाना अपनी स्कूल की वर्दी गन्दी कर लेता है। मैने बच्चे और उसकी माँ को जैसे तैसे थोड़ा समझाया और चल दिया।
इस घटना को कुछ दिन ही बीते थे की एक दिन सुबह सुबह कुछ काम से मैं सब्जी मंडी गया। तो अचानक मेरी नज़र उसी दस साल के बच्चे पर पड़ी जो रोज़ाना घर से मार खाता था। मैं क्या देखता हूँ कि वह बच्चा मंडी में घूम रहा है और जो दुकानदार अपनी दुकानों के लिए सब्ज़ी खरीद कर अपनी बोरियों में डालते तो उन से कोई सब्ज़ी ज़मीन पर गिर जाती थी वह बच्चा उसे फौरन उठा कर अपनी झोली में डाल लेता।
मैं यह नज़ारा देख कर परेशानी में सोच रहा था कि ये चक्कर क्या है, मैं उस बच्चे का चोरी चोरी पीछा करने लगा। जब उस की झोली सब्ज़ी से भर गई तो वह सड़क के किनारे बैठ कर उसे ऊंची ऊंची आवाज़ें लगा कर वह सब्जी बेचने लगा। मुंह पर मिट्टी गन्दी वर्दी और आंखों में नमी, ऐसा महसूस हो रहा था कि ऐसा दुकानदार ज़िन्दगी में पहली बार देख रहा हूँ ।
अचानक एक आदमी अपनी दुकान से उठा जिस की दुकान के सामने उस बच्चे ने अपनी नन्ही सी दुकान लगाई थी, उसने आते ही एक जोरदार लात मार कर उस नन्ही दुकान को एक ही झटके में रोड पर बिखेर दिया और बाज़ुओं से पकड़ कर उस बच्चे को भी उठा कर धक्का दे दिया।
वह बच्चा आंखों में आंसू लिए चुप चाप दोबारा अपनी सब्ज़ी को इकठ्ठा करने लगा और थोड़ी देर बाद अपनी सब्ज़ी एक दूसरे दुकान के सामने डरते डरते लगा ली। भला हो उस शख्स का जिस की दुकान के सामने इस बार उसने अपनी नन्ही दुकान लगाई उस शख्स ने बच्चे को कुछ नहीं कहा।
थोड़ी सी सब्ज़ी थी ऊपर से बाकी दुकानों से कम कीमत। जल्द ही बिक्री हो गयी, और वह बच्चा उठा और बाज़ार में एक कपड़े वाली दुकान में दाखिल हुआ और दुकानदार को वह पैसे देकर दुकान में पड़ा अपना स्कूल बैग उठाया और बिना कुछ कहे वापस स्कूल की और चल पड़ा। और मैं भी उस के पीछे पीछे चल रहा था।
बच्चे ने रास्ते में अपना मुंह धो कर स्कूल चल दिया। मै भी उस के पीछे स्कूल चला गया। जब वह बच्चा स्कूल गया तो एक घंटा लेट हो चुका था। जिस पर उस के टीचर ने डंडे से उसे खूब मारा। मैने जल्दी से जा कर टीचर को मना किया कि मासूम बच्चा है इसे मत मारो। टीचर कहने लगे कि यह रोज़ाना एक डेढ़ घण्टे लेट से ही आता है और मै रोज़ाना इसे सज़ा देता हूँ कि डर से स्कूल वक़्त पर आए और कई बार मै इस के घर पर भी खबर दे चुका हूँ।
खैर बच्चा मार खाने के बाद क्लास में बैठ कर पढ़ने लगा। मैने उसके टीचर का मोबाइल नम्बर लिया और घर की तरफ चल दिया। घर पहुंच कर एहसास हुआ कि जिस काम के लिए सब्ज़ी मंडी गया था वह तो भूल ही गया। मासूम बच्चे ने घर आ कर माँ से एक बार फिर मार खाई। सारी रात मेरा सर चकराता रहा।
सुबह उठकर फौरन बच्चे के टीचर को कॉल की कि मंडी टाइम हर हालत में मंडी पहुंचें। और वो मान गए। सूरज निकला और बच्चे का स्कूल जाने का वक़्त हुआ और बच्चा घर से सीधा मंडी अपनी नन्ही दुकान का इंतेज़ाम करने निकला। मैने उसके घर जाकर उसकी माँ को कहा कि बहनजी आप मेरे साथ चलो मै आपको बताता हूँ, आप का बेटा स्कूल क्यों देर से जाता है।
वह फौरन मेरे साथ मुंह में यह कहते हुए चल पड़ीं कि आज इस लड़के की मेरे हाथों खैर नही। छोडूंगी नहीं उसे आज। मंडी में लड़के का टीचर भी आ चुका था। हम तीनों ने मंडी की तीन जगहों पर पोजीशन संभाल ली, और उस लड़के को छुप कर देखने लगे। आज भी उसे काफी लोगों से डांट फटकार और धक्के खाने पड़े, और आखिरकार वह लड़का अपनी सब्ज़ी बेच कर कपड़े वाली दुकान पर चल दिया।
अचानक मेरी नज़र उसकी माँ पर पड़ी तो क्या देखता हूँ कि वह बहुत ही दर्द भरी सिसकियां लेकर लगा तार रो रही थी, और मैने फौरन उस के टीचर की तरफ देखा तो बहुत शिद्दत से उसके आंसू बह रहे थे। दोनो के रोने में मुझे ऐसा लग रहा था जैसे उन्हों ने किसी मासूम पर बहुत ज़ुल्म किया हो और आज उन को अपनी गलती का एहसास हो रहा हो।
बहू विवाह के दूसरे दिन सुबह 7 बजे ज्योँ सो कर अपने कमरे से बाहर निकली, त्यों ही ड्राइंगरूम में बैठी सास की कड़क आवाज सुनाई दी...
अब ये देर से सोकर उठने का तरीका यहां नहीं चलेगा
बहू ये सुनते ही वापस अपने कमरे में गई और एक डायरी और एक छोटा सा चमड़े का बैग ले कर वापस आयी और सास के बगल में बैठकर डायरी का पन्ना खोलकर पढ़ना शुरू किया।
मारुति अर्टिगा - 16.40 लाख
42 इंच स्मार्ट टीवी - 52 हजार
फ्रीज - 13 हजार
वाशिंग मशीन - 10.50 हजार
सोफा+डाइनिंग टेबल+बेड - 1.10 लाख
मिक्सी+ओवन+अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण - 1.65 लाख
नगदी-15 लाख
डायरी में लिखा पढ़कर बहू ने कहा ..मम्मी ये वो लिस्ट है जो शादी से पहले इस घर से मेरे पिता के पास भिजवाया गया था। लिस्ट में लिखी सारी चीजें मेरे पापा ने मेरे साथ भिजवाया है। सभी चीजों का आप मिलान कर के देख लीजिये और ये भी देख लीजिये की आपने मेरे बारे में इस लिस्ट में कोई ऐसी मांग नही की है कि.... बहू पढ़ी-लिखी, गुणकारी, संस्कारी और कामकाजी हो। आपने बस अपने बेटे की कीमत लगाई और मेरे पिता ने आपके बेटे को मेरे लिये खरीद लिया।
और हां मम्मी विदाई के वक्त मेरे पिता ने ये बैग मुझे देते हुवे कहा था...
बेटी तू जब तक मेरे आंगन में रही सुरक्षित रही। मगर अब आज से तुझे अपनी हिफाजत खुद करनी है।
सास ने उत्सुकतावश पूछा क्या है इस बैग में तो बहु ने धीरे से उस छोटे से बैग का चैन खोला तो उसमें 32 बोर रिवाल्वर थी।
यह देख सास झट से अपनी उखड़ी सांस को नियंत्रित करते हुवे उठी और कहा...बेटी तू अभी सोकर उठी है रुक मैं तेरे लिये चाय बनाती हूं।
नोट:- कहानी व्यंगात्मक है क्योंकि कभी सास भी बहू थी।
Aᴜᴛᴏ Pᴀʏ Bᴏᴛ Mᴀᴋɪɴɢ ✅
Uᴘᴛᴏ Mᴇᴍʙᴇʀs :- 1.5ᴋ-2ᴋ ✅
ᴘᴇʀ sᴇᴀᴛ :- Fʀᴇᴇ ✅
ᴅᴍ :- @ADI_PAPA1
Oɴʟʏ 1ᴋ+ Aᴄᴛɪᴠᴇ ᴄʜᴀɴɴᴇʟ Aʟʟᴏᴡ ᴏɴʟʏ ✅
Aᴜᴛᴏ Pᴀʏ Bᴏᴛ Mᴀᴋɪɴɢ ✅
Uᴘᴛᴏ Mᴇᴍʙᴇʀs :- 1.5ᴋ-2ᴋ ✅
ᴘᴇʀ sᴇᴀᴛ ᴘʀɪᴄᴇ :- 400ʀs
ᴅᴍ :- @ADI_PAPA1
मां
तेरे होने से सब कुछ था
तेरे नही होने से कुछ भी नही
देख मां तेरा बेटा अब बड़ा होने लग गया है
अपने पैरो पर खड़ा होने लग गया है
तुतला कर बोलने वाला अब सब कुछ साफ साफ बोलता है
तेरी उंगली पकड़ चलने वाला अब बिना सहारे चलता है
तेरी बात ना मानने वाला जमाने भर की सुनता है
पर सच ये भी है मां की तेरे बेटे की कोई नही सुनता है
तेरे बार बार पुकारने पर भी नही जागने वाला तेरा ये बेटा अब बिना किसी जगाए जगना सीख रहा है
थोड़ा बहुत जमाने के रंग में ढलना सीख रहा है
तू जो हर बात पर पापा का डर दिखाती रहती थी
और पापा कुछ कहते थे तो बीच में बचाती रहती थी
मां तेरे जाने के बाद अब तो पापा ने भी डाटना छोड़ दिया है
यूं लगता है जैसे सबने मुझसे मुंह मोड़ लिया है
और हां मां
मैं जो तेरे खाने में नुक्स निकालने वाला
अब तो जो मिलता है खा लेता हूं
मां थोड़ी जली थोड़ी कच्ची रोटी भी बना लेता हूं
मां पर उंगलियां जब जब जलती है मेरी
तब और ज्यादा कमी खलती है तेरी
अब तो ठंडी रोटी भी खा कर सो जाता हूं
घर अगर देरी से आऊं तो भूखा भी सो जाता हूं
और मां
देख अब तो मुझे रोकता टोकता भी नही है कोई
मेरी उदासी देखता भी नही है कोई
तेरी डाट तेरा प्यार थी ये अब समझ में आया है
जब ये जीवन तेरे बिना बिताया है
मां तेरी कमी मुझे बड़ा तड़पाती है
हर शाम घर जाता हूं और आंख भर आती है
सच तो ये है जिंदगी बेरंग है तेरे बिना
एक सच ये भी की तेरी हर पल याद आती है
पवन✍️